ऐसे ही

चमन में कुछ ऐसे भी थे
गुलाब जो खिलने केलिए आतुर थे
बस चाह थी थोड़ी सी नमी की
कुछ गर्माहट की
और एक प्यार भरा मुस्कान का

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