कई बार सोचा है
रास्ता नया खोजना है
कुछ नया सा गीत गाना है
अब चलो पकड़ ही लेते है
नए लोग नयी दुनिया नया दास्ता
पर सच तो यह है की
हर बार जब दो कदम आगे
चलती हूँ तो कुछ ऐसा होता है
जो मजबूर करता है वापस चलने पर
फिर वही राह वही सोच वही बातें
प्यार तो इधर ही है ,मोह और दुःख भी
यही आस है यही है दर्द
तो क्यों बदलें हम
दो टोकर खाने पर
क्यों बदले हम
अँधेरा जब छायें तब
मन की रौशनी में भी दिखता है रास्ता
चलो विश्वास इसी पर कर लेते है अब
और बस चलते रहेंगे हम
दूर न सही
खास न सही
राह वही सही
अकेले ही सही
आस न छोड़ेंगे
दम जब तक हैं
यूँही चलते रहेंगे हम
चलो देखते है
अब खुद पर विश्वास
कर ही लेते हैं